बॉस की आँख

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कलम के सिपाही मुंशी प्रेमचन्द

Fiction


ये कहानी मेरे जेहन से लिखी गई है ! सरकारी तंत्र पर अधिकारियों ओर चमचा गिरी का फंदा इतना कसा हुआ है की वो ढीला नहीं हो सकता ! आम जनता बेचारी लाइन मे खड़ी रहती है ओर उनकी सुनवाई कहीं नहीं है ! इस व्यंग कहानी मे जल की समस्या को उजागर किया है ! संगीत का प्रयोग केवल मनोरंजन के लिए किया गया है !