Featuring Sakshi Shrivastva || कभी-कभी मैं सोचती हूं कि हम एक दूसरे को पूरा करते हैं || Special April Featuring || SIV Writers

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Scribbling Inner Voice (SIV)

Society & Culture


Featuring Sakshi !

More about Sakshi : "मेरा नाम साक्षी श्रीवास्तव है, मैं रीवा मध्य प्रदेश की रहने वाली हूं।मैं DeElEd फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट हूं और पार्ट टाइम टीचर भी हूं।लिखना मेरा शौक है मैं हिंदी में कविताएं और शायरियां लिखती हूं।"

 कभी-कभी मैं सोचती हूं कि हम एक दूसरे को पूरा करते हैं :

कभी-कभी मैं सोचती हूं कि हम एक दूसरे को पूरा करते हैं,एक दूसरे की इतनी फिक्र इतना प्यार अनजान लोग तो नहीं करते हैं, हां मैं कभी कभी खुद के सवालों में ही उलझ जाती हूं,पर वो सारी उलझन तुम्हारे जवाब दूर करते हैं, 

तुम फोन करने में 2 मिनट देर करते हो और मैं परेशान हो जाती हूं,तुम एक बार मुझे मुस्कुरा कर देखते हो और मैं खुश हो जाती हूं,मुझे छोटी-छोटी बातों में खुश होने और परेशान होने की आदत है,पर तुम्हारे साथ होती हूं तुम्हें हमेशा मुस्कुराती हूं,

तुम्हारी आंखों में मैं अक्सर खुद को देखती हूं,और उस पल में मैं सबसे ज्यादा खुश होती हूं,हर शाम हमारी लंबी बातें होती हैं, जब नहीं होती तो पता नहीं क्यों मैं रात में नहीं सोती हूं। 

तुम मुझे हमेशा मुस्कुराने की वजह देते हो,मैं कितना भी परेशान कर लूं तुम्हें तुम हमेशा मेरे साथ होते हो,तुम्हारे साथ हर पल हसीन है,पर वो लम्हा अनमोल है जिसमें तुम मुस्कुरा रहे हो,

तुम हमेशा ऐसे ही मुस्कुराते रहना,जिंदगी के सफर में मेरे साथ चलते रहना,मैं ऐसे ही तुम्हें तंग करती रहूंगी,पर सुनो, तुम हमेशा मेरे साथ रहना।