कोरा काग़ज़ हो तुम

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Lafz mere jazbaat aapke

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भीगी बरसात में मिट्टी की सोंधी सी महक हो तुम आखिर इश्क कैसे ना हो तुमसे, तुम फूल हो गुलाब का  मगर रातरानी के पुष्प की कोमल सी मुस्कान हो तुम, -purnima