पोलडांस इन मुंबई लोकल ट्रेन

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कलम के सिपाही मुंशी प्रेमचन्द

Fiction


सपनों की नागरी दो ही चीजों पर चलती है एक बड़ा पाव जो भूख मिटाता है और दूसरी लोकल ट्रेन ! लेकिन लोकल ट्रेन मे चढ़ना एवरेस्ट से भी मुश्किल है , हास्य ओर व्यंग पर आधारित ये कहानी मुंबई की असली जिंदगी का खुलासा करती है हार के जीत समझ कर जीना मुंबई के लोग ही कर सकते हैं।