सोफिया ने जो एड्रेस दिया वह एक हॉस्पिटल के प्राइवेट वार्ड का था कमरा नंबर 5 सोफिया ने बड़ी आशा

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मेरा नाम केशव है मै एक बहुत ही जनि मानी इवेंट कम्पनी में disguise यानि बहरूपिये का काम करता हूँ पूरे साल भर मै कुछ न कुछ बनता रहता हूँ कभी श्री कृष्ण कभी श्री गणेश कभी श्री राम, कभी शिव शंकर कभी हनुमान और दिसम्बर के माह में संताक्लास हालाँकि मेरे सरे ही रूप लोगों को बहुत अच्छे लगते हैं पर मुझे सबसे अधिक पहचान मेरे संताक्लास के रूप ने दिलाई है सब मुझे केशव संताक्लास के नाम से जानते हैं और बच्चों में भी मै इसी नाम से फेमस हूँ न जाने केसे संताक्लास के रूप में मेरी परफॉरमेंस और लोकप्रियता बहुत है उसका दूसरा कारन यह भी है की श्री कृष्णा श्री गणेश श्री राम हनुमान और शिव का रूप तो और भी बहुत लोग रखते हैं है पर संताक्लास का रूप बहुत कम लोग रखते हैं और यही वजह है की मेरी सबसे ज्यादा मांग भी दिसम्बर के माह में होती है इधर दिसम्बर शुरू हुवा और साथ ही शुरू होता है मेरा बहुत ही व्यस्त रहने का काम मेरी दिसम्बर की संताक्लास के रूप की बुकिंग तो मई जून में ही शुरू हो जाती है सुभ 11 बजे से शाम 7 बजे तक तो मै संताक्लास बनकर सहर के सबसे बड़े माल में रहता हूँ वहां बहुत सारे बच्चे मुझे मिलने आते हैं इससे दो तीन डायरेक्ट फायदे होते हैं मॉल में भीड़ बड जाती है वहां जश्न का माहोल बन जाता है माल की दुकानों में जम कर खरीदारी होती है और मैं अलग अलग जगह जा कर इतने बच्चो से नहीं मिल सकता जितने बच्चे मुझसे यहाँ आ कर मिलते हैं कुछ कंपनी अपनी तरफ से गिफ्ट स्पोंसर करती है और वाही गिफ्ट मुझे उन बच्चों को देने में बहुत मजा आता हैं बच्चों को उनके गिफ्ट मिल जाते हैं और मै बच्चों के दिल में हमेसा के लिए जगह बना लेता हूँ बच्चों में फेमस होने का एक कारन यह भी है की मै बच्चों से बहुत प्यार करता हूँ और बच्चे मुझे बहुत प्यारे करते हैं एक बार की बात है यह दिसम्बर का ही महिना था और हर साल की तरह मै मै संताक्लास बन सहर के उस बड़े मॉल में सुभ 11 बजे से शाम 7 बजे तक बच्चों के साथ बिजी था तभी एक महिला जिसका नाम सोफिया था मेरे पास आई उसने मुझे बताया की उसकी बेटी समानथा जो अभी केवल 6 साल की है बहुत बीमार है और शायद वह यह क्रिसमस भी नहीं देख पाए समानथा की इच्छा है की वह केवल केसव संताक्लास से ही मिलना चाहती है मै आजकल बहुत बिजी हूँ सुभह से लेकर शाम तक तो मॉल में रहता हूँ और फिर उसके बाद अपनी कम्पनी के द्वारे मुझे अलग अलग पार्टी में भेजा जाता है जिसकी वजह से में देर रात को ही फ्री हो पता हूँ क्या आप किसी और संताक्लास को आमंत्रित नहीं कर सकती मैंने सोफिया से आग्रह किया सोफिया बोली मेरी बेटी को केवल केसव संताक्लास से ही मिलना है उसे एसा विश्वास है की आप ही उसे ठीक कर सकते हो डॉ के अनुसार वह अब ज्यादा दिन की महमान नहीं है और एक माँ होने के नाते में उसकी यह इच्छा भी पूरी नहीं कर पा रही हूँ बताते बताते वह जोर से रोने लगी और वहीँ जमीन पर निढाल होकर बैठ गयी मुझे बहुत बुरा लग रहा था मै बहुत व्यस्त था और समय निकलना बहुत मुस्किल था फिर भी उस माँ की विवशता देख मैने उन्हें बोला की किसी भी दिन समय निकल कर मै आपकी बेटी से मिलने जरूर आऊंगा कृपया आप अपना एड्रेस मुहे दे दीजिये सोफिया ने जो एड्रेस दिया वह एक हॉस्पिटल के प्राइवेट वार्ड का था कमरा नंबर 5 सोफिया ने बड़ी आशा के साथ मुझसे अपनी बेटी को मिलने के लिए promish करवाया था इसलिए मेरे दिमाग में हमेसा शोफिया को किया गया promish बार बार याद आता रहता था एक दिन मॉल में काम ख़त्म कर मुझे एक पार्टी में जाना था जब मै वहां पहुंचा तो मुझे पता चला की वह पार्टी 2 घंटे के लिए पोस्टपोन की गई है जो अब 8 बजे के बजाय 10 बजे शुर होनी थी तभी मुझे शोपिया और उसकी बेटी का ध्यान आया क्यूंकि वह हॉस्पिटल उस जगह से मात्र 20 मिनट की पैदल दूरी पर था मै तुरंत उस होस्पिटल के और चल दिया दिन भर के काम के बाद थकन के चलते मुझे वहां पहुंचने में 30 मिनट लगे ठण्ड भी बहुत थी मै हॉस्पिटल के रिसेप्शन पर पहुंचा और मैंने रिसेप्शन से पता किया की वह प्राइवेट वार्ड का कमरा नंबर 5 कहाँ स्तिथ है उन्होंने मुझे बताया कि वह उस हॉस्पिटल की सातवीं मंजिल पर स्तिथ है मैंने लिफ्ट ली और तुरंत सातवीं मंजिल के कमरा नंबर 5 के बहार पहुँच गया मैंने अपनी संताक्लास की constume पहनी और दरवाजे को नॉक किया कसी बूढी महिला ने दरवाज खोला वो शायद समंथा की नानी थी मै जब अन्दर पहुंचा तो देखा की वहां का माहोल बहुत ही शांत और ग़मगीन था वहां लगभग 8 से 9 लोग थे और बिस्त