स्वत्व रक्षा - मुंशी प्रेमचंद | Swatva Raksha

स्वत्व रक्षा - मुंशी प्रेमचंद | Swatva Raksha

Hindi Kahaniyan | हिंदी कहानियाँ

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इस कहानी मुख्य किरदार एक घोड़ा है। मुंशी प्रेमचंद जी ने इस कहानी में दिखाया है कि मनुष्य की तरह पशु में भी अपने स्वत्व और हक़ के लिए लड़ने और उसकी रक्षा करने की भावना होती है, समझ होती है और संघर्ष करने की क्षमता भी होती है। कहानी के एक पात्र मीर साहब का घोड़ा अपने स्वत्व की रक्षा के लिए, अपने हक़ के लिए क्या-क्या करता है... क्या-क्या सहता है? और आख़िर उसका परिणाम क्या होता है, जानने के लिए सुनते हैं मुंशी प्रेमचंद जी द्वारा लिखी कहानी - स्वत्व रक्षा ।
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इस कहानी मुख्य किरदार एक घोड़ा है। मुंशी प्रेमचंद जी ने इस कहानी में दिखाया है कि मनुष्य की तरह पशु में भी अपने स्वत्व और हक़ के लिए लड़ने और उसकी रक्षा करने की भावना होती है, समझ होती है और संघर्ष करने की क्षमता भी होती है। कहानी के एक पात्र मीर साहब का घोड़ा अपने स्वत्व की रक्षा के लिए, अपने हक़ के लिए क्या-क्या करता है... क्या-क्या सहता है? और आख़िर उसका परिणाम क्या होता है, जानने के लिए सुनते हैं मुंशी प्रेमचंद जी द्वारा लिखी कहानी - स्वत्व रक्षा ।
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