मंजिलों की तमन्ना छोड़ बिना जिद्द के खुद को खुद भी नहीं हासिल तू इसीलिये अपनी बेकरारी को बरकरार रखना जरुरी है यहाँ थोड़ा जिद्द करना जरुरी है अपनी जिद्द पर अड़े रहना जरुरी है
SOCH aur SAAJ
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मंजिलों की तमन्ना छोड़ बिना जिद्द के खुद को खुद भी नहीं हासिल तू इसीलिये अपनी बेकरारी को बरकरार रखना जरुरी है यहाँ थोड़ा जिद्द करना जरुरी है अपनी जिद्द पर अड़े रहना जरुरी है