YE UN DINO KI BAAT HAI (ये उन दिनों की बात है)

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SOCH aur SAAJ

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ये उन दिनों की बात है..जब हम शायराना अंदाज लिए फिरा करते थे..नज्में बफ़ा तो लिखी कई.. पर यार की महफ़िल में सजाने से डरते थे..