वो बातें जो अक्सर हमारे ज़ेहन में आती तो हैं, मगर बयाँ नहीं हो पाती । सुनिए मेरे साथ, वो सारी बात, जो दिल और दिमाग की कशमकश में कहीं गुम हो जाती है । कहने को तो हैं ये इतनी सी बात , मगर दिल से पूछो कि ये बातें हैं कितनी ख़ास ।
फर्ज़ करो की आपकी एक तस्वीर है, मगर उससे जुड़ी कोई भी याद आपके ज़ेहन में नही है । तो वो तस्वीर थोड़ी अधूरी सी लगती है, है ना ! एक तस्वीर पूरी होती है,...
फरवरी । ये बड़ा ही जटिल महीना होता है । कहने को दिन भले ही कम होते हैं, मगर कुछ तो होता है इस महीने में, के बहुत भारी भारी सा लगता है । फरवरी का महीना...
बहुत मुश्किल होता है, एक सही decision लेना । और बात जब जिंदगी के अहम फैसले लेने की हो, तो फिर वहां गलत होने की गुंजाइश नहीं रहती । या तो जीत या फिर मा...
पतझड़ में गिरे पत्ते , बसंत की बयार में वापिस पेड़ों पर नहीं लग जाते । मगर उनमें से कुछ पत्ते कभी गिरते नहीं । ये उनकी खुशनसीबी होती है या बदनसीबी ? स...
वो तीसरी गली मुझे अपनी ओर खींच रही थी । मानो मेरे पैर ख़ुद ही मुझे उस तीसरी गली में ले जा रहे हों । क्या था उस तीसरी गली में ? सुनिए मेरे साथ, बस इतनी...