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हमनाम (homonyms). ये दो कहानियाँ, "चार दीवारी" और "दहलीज़" दोनों हमारे काफ़ी पास हैं, पास मतलब हमारी ज़िंदगी मे रोज़-मर्रा की चीज़ों जैसे। एक कहानी में तो मैं माफी माँग रहा हूं, चार दीवारी से, कि समय के साथ हमने उसका मतलब बदल दिया। मैंने बात की है एक चार दीवारी की जो सुकून भरी है जिसे हमने अनदेखा किया है और एक चारी दीवारी- जिसे हमने अपना लिया उसे नापसंद करने के बावजूद। तो दूसरी कहानी है, दहलीज़ के मायाजाल की, कि कैसे एक दहलीज़ "सिर्फ़" दहलीज़ नहीं वो एक शौकिया है और उसका एक मायाजाल भी है जिसमें आप और मैं दोनो ही क़ैद हैं। तो चार दीवारी जिसे हमने अनदेखा कर दिया वो कौन सी चार दीवारी है, और दहलीज़ का मायाजाल और शौक क्या है, सुनिए!