Featuring Aparajita Jha || एक आखरी मौका || Scribblers संग्राम || SIV Writers

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Scribbling Inner Voice (SIV)

Society & Culture


About the writer : Aparajita Jha,an inquisitive girl from West Bengal. She feels words are more beautifully expressed when penned down on a piece of paper. She loves writing more than she can express in words. Writing fills her with life,peace,bliss and helps her to connect with innumerable lives at the same time. She just hopes that her musings uplift her name in a way she dreams of heart

एक आखरी मौका :

एक अनबन हुई बेज़ार सी और तुम ये नाता तोड़ गए,

जिस हाथ को पकड़े रखने का वादा किया था,उसे पल में छोर गए,


काश तुमने एक बार सोच लिया होता,

काश तुमने एक बार पूछ लिया होता,


काश तुम इस रिश्ते को संभालने से इतना नहीं डरते,

काश तुम एक बार सब कुछ समझने की कोशिश करते,


काश उन पुरानी बातों को तुमने इस झगड़े के बीच ना पिरोया होता,

काश तुमने हमारी हसीन यादों को प्यार से संजोया होता,


काश तुम उन बातों का मतलब इस कदर ना उछालते,

काश तुम बीते हुए वक्त की गलतियों का जिम्मा सिर्फ मेरे सर पर न डालते,


काश तुम अपने दिल की बातों को साफ साफ बोलते,

काश तुम मेरी अहमियत को औरों की ओर देखकर ना तोलते,


हम साथ थे,एक और बार ही लार लेते,

काश तुम एक बार हमारे प्यार का जिक्र कर लेते,



हा,एक खालीपन जरूर आ गया था हमारे बीच,पर हम मिलकर उसे अपनी छोटी छोटी कोशिशों से भर सकते थे,

तुम चाहते तो रुककर शायद सब कुछ ठीक कर सकते थे,


तुमने मेरे सपनो और भरोसे को जर से झंझोर दिया,

सुलझाने की बजाय तुमने हमारे रिश्ते को उलझा हुआ ही छोड़ दिया,


आज तुम कही और हो,पर मैं आज भी यही हु,

तुम पता नही अब क्या बन गए हो,पर अफसोस मैं अब मैं नहीं हु,


आज भी जब अचानक से तुम मेरी यादों की गलियों से गुजरते हो,तो बस यही सोचती हूं,

कि काश तुमने हमारे सजाए हुए रिश्ते के हक में फैसला किया होता,

काश तुमने हम दोनो को आखरी ही सही, पर एक और मौका दिया होता।


-Aparajita Jha❤️