Society & Culture
ऐसा प्यार ही क्या जिसमे नोक-झोक न हो और अगर यह किसी ने हमें सबसे अच्छे से समझाया है तो वो है हमारे दादा-दादी, नाना- नानी जिन्होंने ४०-५० सालों के साथ में शायद ४०-५० बार एक दुसरे से कहा होगा की 'तुम मुझे बिलकुल प्यार नहीं करते' और फिर तुरंत अपनी छोटी-छोटी बातो से यह भी समझा दिया होगा की 'तुम्हारे बिना ज़िन्दगी बेस्वाद सी, अकेली सी लगती है' आज उसी प्यार को याद करते है जो साल दर साल और गहरी होती जाती है By - Atula - Aarish - Pasha