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सीमंतोन्नयन संस्कार को छठे से आठवें माह के बीच किया जाता है। प्रचलित मान्यता के अनुसार इसे गर्भावस्था के आठवें माह में करना शुभ माना गया हैं। दरअसल इसे करने का शुभ समय तब होता हैं जब शिशु का ज्यादातर विकास हो चुका होता हैं तथा उसमे सोचने व समझने की क्षमता विकसित हो जाती है।
ऐसे समय में वह शिशु गर्भ में अपनी माँ के भावों, उसकी क्रियाओं, बातों इत्यादि को सुन सकता है तथा उन पर अपने भाव भी प्रकट कर सकता है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इस समय यदि आपका मन प्रसन्न है तो आपका शिशु भी प्रसन्
ऐसे समय में वह शिशु गर्भ में अपनी माँ के भावों, उसकी क्रियाओं, बातों इत्यादि को सुन सकता है तथा उन पर अपने भाव भी प्रकट कर सकता है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इस समय यदि आपका मन प्रसन्न है तो आपका शिशु भी प्रसन्