Rubaroo Roshni Hai (रुबरू रोशनी है)
मशालों पर क्यूँ है निर्भर..इमरोज़ खुद को जला, रोशन कर..एक रोज तेरा तेज़ भी सूरज के तेज़ के आगे फीका नज़र आयेगा..जो है धुँधला सा समा आज..कल उजला सा न...
मशालों पर क्यूँ है निर्भर..इमरोज़ खुद को जला, रोशन कर..एक रोज तेरा तेज़ भी सूरज के तेज़ के आगे फीका नज़र आयेगा..जो है धुँधला सा समा आज..कल उजला सा न...
किसका करे है इंतज़ार तू किस पर करे है ऐतबार तू ये सफ़र और मंजिलें तेरे ख्वाबों की ताबीर सी हैं इन राहों को जुस्तजू तेरे जैसे तन्हा राहगीर से है तो फि...
मंजिलों की तमन्ना छोड़ बिना जिद्द के खुद को खुद भी नहीं हासिल तू इसीलिये अपनी बेकरारी को बरकरार रखना जरुरी है यहाँ थोड़ा जिद्द करना जरुरी है अपनी जिद...