SOCH aur SAAJ
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A world of POETRY : Think | Create | Illuminate 'Soch aur Saaj' is a collection of heartfelt POEMS, where the emotions have been given strength and desires the wings to fly. These words will steal your heart, heal your wounds, inspire your soul and take you for a pleasant and memorable ride. Believe in the magic of words! Every Tuesday 7 PM Contact : https://www.sochaursaaj.com/

Rubaroo Roshni Hai (रुबरू रोशनी है)

मशालों पर क्यूँ है निर्भर..इमरोज़ खुद को जला, रोशन कर..एक रोज तेरा तेज़ भी सूरज के तेज़ के आगे फीका नज़र आयेगा..जो है धुँधला सा समा आज..कल उजला सा न...

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Tu Akela Hi To Aaya Tha Yahan (तू अकेला ही तो आया था यहाँ)

किसका करे है इंतज़ार तू किस पर करे है ऐतबार तू ये सफ़र और मंजिलें तेरे ख्वाबों की ताबीर सी हैं इन राहों को जुस्तजू तेरे जैसे तन्हा राहगीर से है तो फि...

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Thoda Zidd Zaruri Hai (थोड़ा जिद्द जरुरी है)

मंजिलों की तमन्ना छोड़ बिना जिद्द के खुद को खुद भी नहीं हासिल तू इसीलिये अपनी बेकरारी को बरकरार रखना जरुरी है यहाँ थोड़ा जिद्द करना जरुरी है अपनी जिद...

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Main Maun Hoon ( मैं मौन हूँ )

मैं मौन हूँ..क्योंकि मैं मौन रहना चाहती हूँ..खामोशी की धुन मुझे अच्छी लगती है..ये झूठी भीड़ से तो तन्हाई ही सच्ची लगती है..
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JAANE KISKI TALAASH HAI (जाने किसकी तलाश है)

जाने किसकी तलाश है किसकी है खोज निकल पड़ा है हर रोज़ तू एक नया चेहरा लिए मुखौटा झूटा तू हटा ज़रा सुकून को लेने दे दो घड़ी साँस ज़रा
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